सर्वनाम की परिभाषा, प्रकार ट्रिक से समझें

सर्वनाम हिंदी में क्यों आई?

संज्ञा की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सर्वनाम हिंदी में आई।

सर्वनाम की परिभाषा

संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किये जाने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते है।

जैसे – एक राजा  था, वह  जंगल में रहता था।

उपरोक्त वाक्य में शब्द वह   का प्रयोग संज्ञा शब्द राजा   की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए किया गया है। अर्थात शब्द वह   सर्वनाम है।

सर्वनाम की संख्या (11 )

सर्वनामों की कुल संख्या ग्यारह  है जो निम्न प्रकार है –

मैं, तु, आप, यह, वह, कुछ, कोई, जो, सो, कौन, क्या

सर्वनाम के प्रकार

सर्वनाम छः प्रकार के होते है जो निम्न प्रकार है –

  1. पुरुषवाचक सर्वनाम
  2. निजवाचक सर्वनाम
  3. प्रश्नवाचक सर्वनाम
  4. निश्चयवाचक सर्वनाम
  5. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
  6. सम्बन्धवाचक सर्वनाम
पुरुषवाचक सर्वनाम

इसमें केवल मनुष्य और स्त्री का बोध  किया जाता है न कि वस्तुओं का। ये तीन प्रकार के होते है –

उत्तम पुरुष (वक्ता ) – मैं (मेरा, मुझे, मुझको, मुझसे), हम (हमें, हमारा, हमको, हमसे)

जैसे –   मेरा कार्य हो गया है।

मध्यम पुरुष (श्रोता ) – तु (तुम,तुम्हारा,तुम्हे),आप (आपका,आपको,आपसे)

जैसे – तुम कहाँ जा रहे हो।

अन्य (अन्य) – ये (यह ),वे (वह)

जैसे – वह घर जा चुका है।

निश्चयवाचक सर्वनाम :- यह (निकटता ) / वह (दूर )

जो शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु के निश्चितता के लिए प्रयोग किये जाते है, निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते है।

जैसे – वह हमेशा खेलता है।

यह कल विद्यालय जाएगा।

अनिश्चयवाचक सर्वनाम :- कुछ (निर्जीव के लिए ) / कोईकिसी (सजीव के लिए )

जिस शब्द का प्रयोग किसी व्यक्ति,वस्तु के अनिश्चितता के लिए किये जाते है वहाँ अनिश्चयवाचक सर्वनाम होता है।

 जैसे – हमें कुछ नहीं मिला।

उसके भोजन के लिए कुछ लेते आओ।

सम्बन्धवाचक सर्वनाम

एक वाक्य का सम्बन्ध जब दूसरे वाक्य से सम्बन्ध बताया जाता है तो उन्हें सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहा जाता है।

जैसे – जो बोयेगा सो काटेगा।

जिसकी लाठी उसकी भैंस।

प्रश्नवाचक सर्वनाम

प्रश्न पूछने में किया जाता है।

प्रश्नवाचक चिन्ह लगा होता है।

क व्यंजन से शुरू होने वाले अधिकांश शब्द होते है। जैसे – क्या, कब, कौन, कैसे, कहाँ, क्यों आदि।

निजवाचक सर्वनाम

जब वक्ता अपने लिए किसी सर्वनाम का प्रयोग करता है तो वहाँ निजवाचक सर्वनाम होता है।

जैसे – स्वयं, स्वतः, खुद, अपने आप आदि।

मैं स्वयं ही चला जाऊँगा।

सम्पूर्ण हिन्दी व्याकरण पढ़ें

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