आज के लेख मे मैंने काल (Tense in hindi) को बिल्कुल आसान भाषा में समझाने की कोशिश की है। जिससे आप वाक्यों को देखते ही समझ जाए की वाक्य किस काल में है।
बस आपको यह लेख ध्यानपूर्वक पढ़कर समझना है और उसे बार – बार रिविज़न करते रहना है।
काल
काल कोई वर्ण, शब्द और वाक्य नहीं होता है बल्कि यह क्रिया की स्थिति होती है।
अर्थात काल क्रिया के होने का समय बताता है।
काल के प्रकार
हिन्दी व्याकरण में काल मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं
- वर्तमानकाल (5)
- भूतकाल (6)
- भविष्यकाल (3)
वर्तमानकाल
क्रिया के जिस रूप से कार्य का वर्तमान समय में होने का बोध होता है, उसे वर्तमानकाल कहते हैं।
वर्तमानकाल के पाँच भेद होते हैं जो नीचे दिये गए हैं –
- सामान्य वर्तमानकाल
- अपूर्ण वर्तमानकाल या तात्कालिक वर्तमानकाल
- संदिग्ध वर्तमानकाल
- संभाव्य वर्तमानकाल
- आज्ञार्थक वर्तमानकाल
सामान्य वर्तमानकाल
क्रिया के जिस रूप से कार्य का सामान्य रूप से चल रहे समय में बोध हो, उसे सामान्य वर्तमानकाल कहते हैं।
जैसे – श्याम अखबार पढ़ता है।
आकाश जयपुर जाता है।
(इसमे सहायक क्रिया ता है, ती है, ते है मिलते हैं।)
अपूर्ण वर्तमानकाल या तात्कालिक वर्तमानकाल
क्रिया के जिस रूप से कार्य का चल रहे समय में जारी रहने का बोध हो, अपूर्ण वर्तमानकाल कहलाता है।
जैसे – श्याम अखबार पढ़ रहा है।
आकाश जयपुर जा रहा है।
(इसमे सहायक क्रिया रहा है, रहे है, रही है मिलते हैं।)
संदिग्ध वर्तमानकाल
इसका सम्बंध सामान्य वर्तमानकाल से होता है।
जैसे ‘श्याम अखबार पढ़ता है।’ यह सामान्य वर्तमानकाल में है लेकिन ‘श्याम अखबार पढ़ता होगा।’ यह संदिग्ध वर्तमानकाल में है।
(अर्थात इसमे सहायक क्रिया ता होगा, ती होगी, ते होंगे मिलते हैं।)
संभाव्य वर्तमानकाल
इसका सम्बंध अपूर्ण वर्तमानकाल से होता है।
जैसे ‘श्याम अखबार पढ़ा रहा है।’ यह वाक्य अपूर्ण वर्तमानकाल में है लेकिन ‘श्याम अखबार पढ़ रहा हो।’ यह वाक्य संभाव्य वर्तमानकाल में है।
(अर्थात इसमे सहायक क्रिया रहा होगा, रही होगी, रहे होंगे, रहा हो, रही हो, रहे हो मिलते हैं।)
आज्ञार्थ वर्तमानकाल
यदि वर्तमानकाल की क्रिया के साथ आज्ञा या आदेश जोड़ दिया जाए, तो वह वाक्य आज्ञार्थ वर्तमानकाल कहलाता है।
जैसे – दरवाजा बन्द कर दीजिए।
आकाश तू नाच। आदि।
भूतकाल
क्रिया के जिस रूप से कार्य का बीते हुए समय में होने का बोध हो, उसे भूतकाल कहते है।
भूतकाल के छः भेद होते है जो नीचे दिये गए है –
- सामान्य भूतकाल
- आसन्न भूतकाल
- पूर्ण भूतकाल
- अपूर्ण भूतकाल तात्कालिक भूतकाल
- संदिग्ध भूतकाल
- हेतु हेतु मद् भूतकाल
सामान्य भूतकाल
इसमे कार्य का बीते हुए समय में बोध होता है। लेकिन यह पता नहीं चलता है कि कार्य कब हुआ है।
जैसे – श्याम अखबार पढ़ा।
मोहन बाजार गया।
आसन्न भूतकाल
इसमे कार्य बीते हुए समय में होगा लेकिन कार्य के निश्चित समय का बोध नहीं होता है। इसमे कार्य होने के बहुत समीप होता है।
जैसे – श्याम अखबार पढ़ा है।
आकाश गया है।
पूर्ण भूतकाल
जिन वाक्यों में कार्य बहुत पहले पूर्ण हो गया हो, पूर्ण भूतकाल कहलाता है।
जैसे –श्याम ने अखबार पढ़ा था।
आकाश बाजार गया था।
(अर्थात जब सामान्य भूतकाल के वाक्यों के अंत में ‘था’ लिया जाता है तो वह पूर्ण भूतकाल कहलाता है।)
अपूर्ण भूतकाल
जिन वाक्यों में क्रिया के बीते समय में जारी रहने का बोध हो, अपूर्ण भूतकाल कहलाता है।
जैसे – श्याम अखबार पढ़ रहा था।
आकाश जा रहा था। आदि।
(इसमे सहायक क्रिया रहा था, रही थी, रहे थे मिलते हैं।)
संदिग्ध भूतकाल
क्रिया के जिस रूप से कार्य के बीते हुए समय मे संशय हो , संदिग्ध भूतकाल कहलाता है।
(अर्थात सामान्य भूतकाल के क्रिया के साथ यदि होगा, होगी, होंगे पद जोड़े जाए, तो वह संदिग्ध भूतकाल होगा।)
जैसे – श्याम ने अखबार पढ़ा होगा।
आकाश दिल्ली गया होगा। आदि।
हेतु हेतु मद् भूतकाल
ये भूतकाल के शर्त वाले वाक्य होते हैं।
जैसे – यदि आप पढ़ते तो पास हो जाते।
भविष्यकाल
क्रिया के जिस रूप से कार्य का आने वाले समय में होने का बोध हो, भविष्यकाल कहलाता है।
इसके तीन भेद होते है –
- सामान्य भविष्यकाल
- संभाव्य भविष्यकाल
- आज्ञार्थ भविष्यकाल
सामान्य भविष्यकाल
जिन वाक्यों में क्रिया के सामान्य रूप से आने वाले समय में होने का बोध हो, सामान्य भविष्यकाल कहलाता है।
जैसे – श्याम अखबार पढ़ेगा।
(इसमे सहायक क्रिया एगा, एगी, एगे मिलते है।)
संभाव्य भविष्यकाल
जिन वाक्यों में क्रिया के जिस रूप से कार्य के भविष्य में होने कि संभावना हो, संभाव्य भविष्यकाल कहलाता है।
संभावना सूचक पद का प्रयोग करके
जैसे – शायद श्याम अखबार पढ़ेगा।
सहायक क्रिया का प्रयोग करके (ए, एँ, ऊँ आदि।)
जैसे – श्याम दिल्ली जाए।
वे दिल्ली जाएँ।
शायद वे दिल्ली जाएँ।
आज्ञार्थ भविष्यकाल
इस प्रकार के वाक्यों में आने वाले समय की क्रिया के साथ आज्ञा या आदेश जोड़ दिया जाता है।
जैसे – आप कल आठ बजे लाईव आइएगा।
(इसमे सहायक क्रिया ‘इएगा’ मिलते हैं।)
महत्वपूर्ण बिन्दु
हेतु हेतु मद् भविष्यकाल
ये भविष्यकाल के शर्त वाले वाक्य होते हैं।
जैसे – तुम पढ़ोगे तो पास हो जाओगे।
हिन्दी व्याकरण ..