हिन्दी पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं?
पर्याय से आशय होता है – ‘बदले में आने वाला’
अर्थात ऐसे शब्द जिनके अर्थ में समानता पायी जाती हैं, उन्हें पर्यायवाची शब्द कहते हैं।
जैसे – जंगल – वन, अरण्य, कानन आदि।
पर्यायवाची का आशय होता है – समानार्थी।
पर्यायवाची शब्द को प्रतिशब्द के नाम से भी जाना जाता है।
लेकिन ध्यान रखने की बात यह हैं कि अर्थ में समानता होते हुए भी समानार्थी शब्द सर्वदा एक – दूसरे का स्थान नहीं ले सकते हैं।
जैसे – हरी घर जा रहा है।
उपरोक्त वाक्य में घर के स्थान पर आलय या निवास का प्रयोग नहीं किया जा सकता है।
अर्थात इनका प्रयोग वाक्य के भाव, स्थान और प्रकृति के आधार पर किया जाता है।
हिंदी पर्यायवाची शब्द
शब्द | पर्यायवाची शब्द |
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आँख | नेत्र, चक्षु, लोचन, नयन, विलोचन,अक्षि |
अंग | शरीर, देह, तन, मूर्ति, कलेवर |
असुर | राक्षस, दानव, दैत्य, निशाचर, रजनीचर |
अहंकार | घमण्ड, अभिमान, दंभ |
अपमान | बेइज्जती, अनादर, निरादर, तिरस्कार |
अधम | भ्रष्ट, नीच, निकृष्ट, पतित |
अंधकार | तम, तिमिर, अंधेरा, कालिमा |
अमृत | मधु, पीयूष, सुधा, सोम |
आकाश | आसमान, गगन, नभ, अम्बर, व्योम |
अरण्य | वन, जंगल, कानन, अटवी |
अच्छा | उचित, सौम्य, उपयुक्त, शुभ, भद्र |
अग्नि | पावक, अनल, आग, ज्वाला, कपिल |
अतिथि | मेहमान, पाहुना, आगंतुक, अभ्यागत |
अनजान | अज्ञात, अजनबी, अपरिचित |
असमानता | भिन्नता, भेद, फर्क, अंतर |
अन्य | भिन्न, अलग, दूसरा, और, पृथक |
अन्न | भोज्य, खाद्य, भोजनीय, शस्य |
आम | आम्र, रसाल, अमृतफल, अतिसौरभ |
अर्थ | तात्पर्य, मतलब, कारण, प्रयोजन |
अप्सरा | सुरसुन्दरी, सुरबाला, देवांगना, देवबाला |
अर्जुन | कौंन्तेय, गांडीवधारी, पार्थ, भारत, धनंजय |
अमर | अक्षय, अनश्वर, नित्य, अमर्त्य |
अंगूठी | मुंदरी, मुद्रिका, मुद्रा, अंगुलिका |
अधर | ओठ, ओष्ठ, रदपट |
आकाशगंगा | स्वर्गनदी, नभगंगा, मंदाकिनी, सुरनदी |
आदि | प्रारम्भिक, आरंभिक, प्रथम, पहला |
आयुष्मान | दीर्घायु, दीर्घजीवी, चिरंजीवी, चिरायु |
आँगन | आंगना, प्रांगण, अजिर, बगर |
आदित्य | सूर्य, दिनकर, दिवाकर, प्रभाकर, भास्कर |
इंद्रधनुष | इन्द्रायुध, सप्तवर्ण, शक्रचाप |
इन्द्र | देवराज, सुरपति, अमरपति, पुरंदर, मधवा, महेंद्र, सुरेंद्र |
इंद्रपुरी | देवलोक, इंद्रलोक, अमरावती, सुरपुर |
ईश्वर | भगवान, प्रभु, परमात्मा, जगदीश, हरि, ईश, अगोचर |
ईर्ष्या | स्पर्धा, शक, जलन, कुढ़न, खार, द्वेष |
उपेक्षा | उदासीनता, लापरवाही, अनासक्ति, लापरवाही, विराग |
उत्कर्ष | उन्नति, उत्क्रमण, अभ्युदय, उत्थान |
उत्सव | त्यौहार, समारोह, मंगलकार्य, पर्व |
उत्थान | उत्कर्ष, उत्क्रमण, आरोह, चढ़ाव उम्र आयु, वय |
एकता | अभेद, अभिन्नता, एकसूत्रता |
ओज | ताकत, जोर, बल, पराक्रम |
ओंठ | ओठ, ओष्ठ, अधर, दन्त छंद |
ओस | हिमबिंदु, हिमकण, तुषार |
कमल | पंकज, सरोज, जलज, अम्बुज, नलिन, राजीव |
कोयल | कोकिल, वसन्तदूत, पिक, श्यामा |
कबूतर | कपोत, रक्तलोचन, हारीत, पारावत |
कपड़ा | वस्त्र, वसन, चीर, पट, अम्बर |
कुबेर | यक्षराज, धनपति, किन्नरदेव, धनद |
किला | गढ़, दुर्ग, कोट |
कल्पवृक्ष | देववृक्ष, देवद्रुम, पारिजात, कल्पद्रुम |
कुत्ता | कुक्कुर, श्वान, श्वा, शुनक |
कामुकता | व्यभिचारिता, लंपटता, विषयासक्ति, भोगासक्ति |
कृतज्ञ | उपकृत, आभारी, ऋणी, अनुगृहीत |
कृत्रिम | बनावटी, नकली, दिखावटी |
कामदेव | मनसिज, मकरध्वज, मन्मथ, मनोज |
कर | हाथ, हस्त, पाणि, बाँह, भुज |
कन्या | दुहिता, तनया, किशोरी, बाला, बालिका |
कृष्ण | कन्हैया, गिरिधर, राधारमण, श्याम मुकुन्द |
कार्तिकेय | स्कन्द, षडानन, कुमार |
कारागार | जेल, बंदीगृह, कारावास, कैदखाना |
कड़ा | कटु, तीखा, कर्कश, तीक्ष्ण |
कान | कर्ण, श्रुति, श्रावणेन्द्री |
कृषक | किसान, खेतिहर, हलवाहा, कृषिजीवी |
खग | द्विज, पक्षी, विहग, पखेरू, विहग |
गृह | घर, आलय, निकेतन, सदन, आवास, धाम, भवन |
गाय | गौ, धेनु, सुरभि, गौरी, भद्रा, दोग्धि |
गंगा | देवनदी, देवापगा, मंदाकिनी, भागीरथी |
गणेश | विनायक, भवानीनन्दन, गणपति, लम्बोदर, वक्रतुण्ड |
गरुण | पन्नगारि, खगेश, खगपति, सुपर्ण, वैनतेय |
गर्दभ | गदहा, वैशाखनन्दन, खर, चक्रीवान, धूसर |
गज | हाथी, मतंग, कुंज, हस्ति, वितुण्ड |
चाँद | चन्दा, सोम, चंद्र, निशाकर, विधु राकेश |
चक्षु | लोचन, आँख, नयन, अक्षि, दृग |
चपला | दामिनी, बिजली, चंचला, तड़ित, विद्युत |
जन्म | अवतार, उत्पत्ति, अवतरण, उदभव, आविर्भाव |
जीभ | जिहवा, रसना, इला, रसा |
जमुना | यमुना, सूर्यतनया, रवितनया, कालिन्दी, सूर्यसुता |
जानकी | सीता, वैदेही, जनकसुता, जनकात्मजा |
जुगुनू | प्रभाकीट, पट, पटबीजना |
झण्डा | पताका, ध्वजा, केतन, कदलिका, वैजयंती |
झोपड़ी | कुटिया, कुटी, छानी, कुंज, पर्णकुटी |
तोता | सुग्गा, शुक, कीर, सुआ |
तारा | नक्षत्र, तारक, नखत |
तालाब | जलाशय, पुष्कर, सर, पदमाकर, सरोवर |
तरुणी | रमणी, सुन्दरी, युवती, मनोज्ञा, प्रमदा |
तरु | पेड़, विटप, पादप, द्रुम |
तलवार | करवाल, चंद्रहास, कृपाण, खडग |
थल | धरती, धरा, भूतल, भूमि |
दूध | पय, अमृत, गोरस, स्तन्य, दुग्ध |
दिन | दिवस, वासर, वार, अहनि |
दासी | अनुचरी, सेविका, किंकरी, भृत्या दास अनुचर, सेवक, किंकर, भृत्य |
दीपावली | दीपमाला, दीपोत्सव, दीवाली, दीपमालिका |
देवता | सुर, अमर, वसु, अजर, निर्जन, त्रिदश |
दुर्गा | नारायणी, कल्याणी, कालिका, चन्द्रिका, मकराला |
द्रोपदी | पांचाली, कृष्णा, याज्ञसेनी, द्रुपदसुता |
दाँत | दन्त, दशन, द्विज, रद |
दैत्य | रजनीचर, असुर, दानव, दनुज, दैतेय |
धूप | घाम, आतप |
धन्यबाद | आभार, शुक्रिया, कृतज्ञता |
नारी | वनिता, कामिनी, ललना, अबला |
नमस्कार | अभिवादन, नमः, वन्दे, प्रणाम, नमस्ते |
नाव | नौका, किश्ती, डोंगा, तरणी |
निर्मल | शुद्ध, साफ़, स्वच्छ, पवित्र |
नमक | लवण, रामरस, लोन, नोन |
नियति | भाग्य, भावी, होनी, प्रारब्ध |
नदी | सरिता, तटनी, अपगा, निर्झारिणी, तरंगिनी |
पाप | अध, पातप, अधर्म, दुष्कृत्य |
पंडित | भिज्ञ, विज्ञ, मनीषी, विद्याधर, सुधी, बुध |
पक्षी | खग, खेंचर, पतंग, विहग, परिंदा, नभचर |
पराग | कुसुमराज, पुष्पराज, मकरंद, पुष्पधूलि |
पत्ता | पर्ण, पत्र, पल्लव, पात, दल |
पति | बालम, साजन, नाथ, कान्त, वर, रमण, |
पत्नी | भार्या, गृहणी, अर्धांगिनी, प्रेयसी, दारा, प्रिया |
पुत्री | नंदनी, तनया, सुता, दुहिता, तनुजा, बेटी |
पुत्र | तनय, सुत, पूत, नन्द, जात, लड़का |
पत्थर | पाषाण, पाहन, उपल, प्रस्तर, शिला |
पार्वती | गौरी, उमा भवानी, अम्बिका, गिरिजा, शैलसुता |
पटु | दक्ष, प्रवीण, निपुण, कुशल, होशियार |
पेड़ | वृक्ष, पादप, तरु, द्रुम, विटप |
फूल | पुष्प, कुसुम, प्रसून, सुमन |
बुद्धि | प्रज्ञा, विवेक, मति, अक्ल, मेधा |
बाण | शिलीमुख, विशिख, सायक, शर, इषु |
ब्राह्मण | द्विज, भूदेव, बाभन, विप्र |
बादल | जलधर, वारिद, नीरद, अम्बुद |
बाघ | व्याघ्र, व्याल, चित्रक |
भाई | भ्राता, बंधु, भैया, सुजाता |
भारत | आर्यावर्त, भारतखण्ड, हिन्दुस्तान, जम्बू द्वीप |
भारती | शारदा, वीणावादिनी, वागेश्वरी, वागीश, वाणी |
भ्रमण | अलि, मधुकर, मधुप, सारंग, भृंग, मिलिन्द |
मेंढक | मंडूक, दादुर, दर्दुर, भेक, शालूर |
मछली | मीन, मत्स्य, अण्डज, जलज, शफरी, जलजीव |
मोर | मयूर, सारंग, केकी, अहिपक्षी |
मदिरा | शराब, मधु, मय, मद्य, सोमरस |
महादेव | कैलाशनाथ, नीलकण्ठ, गंगाधर, महेश्वर |
मोक्ष | मुक्ति, सदगति, निर्वाण, परमपद |
मुर्गा | कुक्कुअ, अरुणशिखा, ताम्रचूड, चरणायुध |
महारानी | पटरानी, राजरानी, महिषी, सम्राज्ञी |
मार्ग | रास्ता, राह, पथ, मग |
यश | कीर्ति, प्रसिद्धि, शौहरत, ख्याति |
राजा | नरेश, निपृ, भूपाल, भूपति, नरपति, भूप |
रंक | दरिद्र, निर्धन, कंगाल, धनहीन, अकिंचन |
राजमहल | राजमंदिर, राजभवन, राजप्रासाद, रत्न मरकत, माणिक्य, जवाहर, मणि |
रमा | लक्ष्मीकान्ता, विष्णुप्रिया, कमलासना, श्रीकमला |
राधा | राधिका, बृजरानी, हरिप्रिया |
रश्मि | किरण, मयूख, अंशु, कर |
राम | सीतापति, दशरथनंदन, रघुनन्दन, राघव, रामचंद्र |
रावण | लंकेश, दशानन, लंकापति |
लक्ष्मण | रामानुज, शेष, सौमित्र, शेषावतार, लखन |
लज्जा | शर्म, संकोच, लाज, हया |
विवाह | शादी, ब्याह, परिणय, पाणिग्रहण |
शत्रु | वैरी, दुश्मन, विपक्षी, रिपु, अरि, परिपंथी |
विष | जहर, गरल, हलाहल, कालकूट |
वल्लभ | प्रिया, प्राणनाथ, प्राणेश्वर, प्रियतम, पति |
वायु | अनिल, समीर, पवन, हवा, वात, मरुत |
वज्र | कुलिस, पवि, कुलिश, अशनि |
सफ़ेद | श्वेत, उज्जवल, धवल, शुभ्र |
शिक्षा | उपदेश, ज्ञान, सीख, नसीहत |
शीशा | काँच, आइना, दर्पण |
शहद | मकरन्द, मधु, पुष्पासव, पुष्परस |
शेषनाग | भुजंग, उरंग, पन्नग, फणीश |
शरीर | अंग, तन, बदन, देह, वपु, काया, गात्र |
स्वर्ग | देवलोक, सुरलोक, देवसदन |
सिंह | केसरी, केहरि, मृगराज, मृगेंद्र |
संतान | संतति, प्रसूति, अपत्य |
सागर | जलधि, पयोधि, समुद्र, अम्बुधि, नदीश |
संध्या | शाम, सांय, साँझ, दिवांत |
हिमालय | गिरिराज, नगपति, पर्वतराज, हिमगिरि |
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