HomeHindi Vyakaranसंज्ञा किसे कहते हैं, परिभाषा, भेद ट्रिक से समझें

संज्ञा किसे कहते हैं, परिभाषा, भेद ट्रिक से समझें

संज्ञा को समझने से पहले हमे यह समझना होगा कि संज्ञा हिंदी में क्यों आई ? तो चलिए इसे हम समझ लेते है- 

जब कोई भी बच्चा जन्म लेता है तो उसके पहचान के लिए हम सबसे पहले उसका का नाम रखते है ताकि उस बच्चे की पहचान हो सके। और हम जानते है कि नाम संज्ञा है अर्थात हम कह सकते है की संज्ञा हिंदी में नाम  के लिए आई। 

संज्ञा की परिभाषा

जिन शब्दों से  किसी व्यक्ति, वस्तु,स्थान या भाव का बोध होता है, उसे संज्ञा कहते है।

जैसे –

  • व्यक्तियों केनाम:- महात्मा गाँधी, अटल बिहारीवाजपेयी,गाय, बकरी, मच्छरआदि।
  • वस्तुओंकेनाम:- कलम, मेज, किताब, अलमारी, साइकिल, रेडिओ आदि।
  • स्थानों केनाम:- दिल्ली, हरिद्वार, शिमला, बनारस, हिमालय , गंगा आदि।
  • भावों केनाम:- प्रेम, घृणा, क्रोध, लड़ाई, बुराई, बुढ़ापा, शान्ति आदि।

संज्ञा के भेद

 संज्ञा के मुख्यता तीन भेद होते है जो निम्न प्रकार है –

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
  2. जातिवाचक संज्ञा
  3. भाववाचक संज्ञा

व्यक्तिवाचक संज्ञा

ट्रिक– जो महान है अर्थात पृथ्वी पर एक है।

परिभाषा :- जो शब्द किसी विशेष व्यक्ति,वस्तु अथवा स्थान के भाव का बोध कराते है,व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाते है। जैसे – राम, हरी, हिमालय, नरेंद्र मोदी, आदि।

जातिवाचक संज्ञा

ट्रिक:- जो भीड़ में रहता हो। 

परिभाषा :- किसी वर्ग या समूह का बोध कराने वाले शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहते है। जैसे- पुरुष, गेंद, घर, दिन, महीना, नगर, देश आदि।

जैसे – दिन- जातिवाचक संज्ञा है ( क्योकि भीड़ में है इससे एक जाति का बोध हो रहा है।)

लेकिन सोमवार, मंगलवार, बुधवार………………… रविवार व्यक्तिवाचक संज्ञा है (क्योकि ये सब धरती पर अकेले  है इससे जाति का बोध नही हो रहा है।)

इसी प्रकार, महीना – जातिवाचक संज्ञा है।

लेकिन जनवरी, फरवरी, मार्च………………दिसम्बर व्यक्तिवाचक संज्ञा है।

नगर तथा देश – जातिवाचक संज्ञा है

लेकिन दिल्ली, मुंबई तथा भारत, पाकिस्तान आदि व्यक्तिवाचक संज्ञा है।

जातिवाचक संज्ञा दो प्रकार के होते है –

समूहवाचक/समुदायवाचक – ये गणनीय होते है तथा एक वचन में प्रयोग किये जाते है।

जैसे – सेना, पुलिस, परिवार, कक्षा, मंडली, विद्यालय आदि।

द्रव्यवाचक संज्ञा – ये अगणनीय होते है तथा प्रायः नाप तौल के लिए प्रयोग किये जाते है। ये भी एकवचन में प्रयोग किये जाते है।

जैसे – दूध, दही, सोना, चाँदी आदि।

महत्वपूर्ण नोट्स – एक व्यक्ति के गुण, दोषों की तुलना दूसरे व्यक्ति के गुण दोषों से की जाती है तो वहाँ पर जातिवाचक संज्ञा होता है।

भाववाचक संज्ञा

ट्रिक – ऐसे शब्द जो आपको दिखाई  देकर केवल महसूस होते है वो हमेशा भाववाचक संज्ञा होते है। 

जैसे – मानव (जो दिखता है।)

मानवता ( जो दिखता नहीं है केवल महसूस होताहै।)

बूढ़ा – ( जो दिखता है।)

बुढ़ापा – ( जो दिखता नहीं है केवलम हसूस होता है।)

संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण में प्रत्यय जोड़ने पर जो संज्ञा बनते है उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते है। 

जैसे – अच्छा- अच्छाई

ईमानदार – ईमानदारी

पहरेदार – पहरेदारी

कुछ शब्द अपने आप में भाववाचक होतेहै  जैसे – घृणा,प्रेम,द्वेषआदि। 

परिभाषा :- जो शब्द किसी भाव, गुण, दोष, स्वभाव आदि का बोध कराते हैं,भाववाचक संज्ञा कहलाते है।

जैसे – मिठास, लड़ाई , बुढ़ापा, मानवता आदि।

हिन्दी व्याकरण …

हिन्दी वर्णमालाकारक
शब्दवाच्य
वाक्यवचन
हिन्दी मात्राउपसर्ग
संज्ञाविराम चिन्ह
सर्वनामअविकारी शब्द
क्रियाराजभाषा और राष्ट्रभाषा
विशेषणपर्यायवाची शब्द 160 +
सन्धितत्सम और तद्भव शब्द
समासअनेक शब्दों के लिए एक शब्द
हिन्दी मुहावरा एवं लोकोक्तियांकाल किसे कहते है काल के प्रकार
औपचारिक पत्र, अनौपचारिक पत्र लेखन
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