डिजिटल ब्लैकबोर्ड से हमारा अभिप्राय ऐसे पर्दे या स्क्रीन से है जिस पर किसी मशीन जैसे – कम्प्यूटर आदि के रूप में प्रायः किसी दीवार पर पर्दा लगा दिया जाता है इसके बाद किसी मशीन जैसे कम्प्यूटर के द्वारा शिक्षण गतिविधियों को दर्शाया जाता है।
यह कार्य कम समय में तथा पूर्ण गुणवत्ता युक्त होता है। इस विधि के माध्यम से किसी प्रकार की गणितीय सामग्री को डिजिटल ब्लैकबोर्ड पर दिखाया जाता है।
इस प्रकार के शिक्षण में प्रोजेक्टर का प्रयोग एक व्यवहारिक प्रक्रिया बनता जा रहा है। छात्रों को गुणवत्तापूर्ण तथा उपयोगी सामग्री प्रदान कराने में प्रोजेक्टर का प्रयोग रुचिकर भी होता जाता है।
डिजिटल ब्लैकबोर्ड की आवश्यकताएं
डिजिटल ब्लैकबोर्ड के प्रयोग से पठन – पाठन का कार्य वर्तमान समय में उपयोगी प्रक्रिया सिद्ध हो रहा है। इस तकनीक का प्रयोग समस्त शिक्षा जगत में शिक्षा के प्राथमिक स्तर से प्रारम्भ किया जाना चाहिए।
डिजिटल ब्लैकबोर्ड के द्वारा आज शिक्षा जगत में कम्प्यूटर तथा नवीन तकनीकि ज्ञान को सम्पूर्ण शिक्षा जगत में फैलाया जा सकता है।
डिजिटल ब्लैकबोर्ड के प्रयोग को क्यों आवश्यक समझा जा रहा है। शिक्षा जगत में इसकी क्या आवश्यकता है ? इन सब को हम निम्न प्रकार से स्पष्ट कर सकते हैं –
- डिजिटल ब्लैकबोर्ड के प्रयोग से नयी तकनीक तथा नये – नये शिक्षण अधिगमों को प्रदर्शित करके अधिगम स्तर को उच्च तथा शिक्षण प्रक्रिया को रुचिकर बनाया जा सकता है।
- डिजिटल ब्लैकबोर्ड के प्रयोग से शिक्षक कम समय में नवीन माध्यमों के द्वारा अधिक से अधिक शैक्षिक सामग्री को छात्रों के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है।
- डिजिटल ब्लैकबोर्ड के प्रयोग से प्रभावी शिक्षण अधिगम सामग्री को बार – बार प्रयोग करके छात्रों में सम्बंधित विषय के ज्ञान को अधिक से अधिक स्थायित्व प्रदान कराया जाता है।
- डिजिटल ब्लैकबोर्ड के प्रयोग से शिक्षा के समस्त विषयों की पठनीय सामग्री को सर्वोत्तम प्रकार से छात्र के समक्ष लाया जा सकता है।
- डिजिटल ब्लैकबोर्ड पर सम्बंधित विषय की सामग्री को विशेष तथ्यों, चिन्हों तथा रंगों के माध्यम से प्रस्तुत कर अधिक लाभ प्रदान कराया जा सकता है।
- डिजिटल ब्लैकबोर्ड के माध्यम से पहले से तैयार सी० डी० या डी० वी० डी० में विभिन्न विद्वानों द्वारा तैयार विषय सामग्री को प्रस्तुत किया जाता है जिससे छात्रों के ज्ञान में वृद्धि होती है।