- यह एक कार्बनिक यौगिक है इसका पाचन मुख से प्रारम्भ होता है।
- इसका पूर्ण अवशोषण छोटी आँत में होता है।
- यह शरीर को 70% उर्जा प्रदान करता है इसलिए इसे कोशिका का ईंधन कहते है।
- एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट शरीर में प्रज्वलित होकर 4.2 कैलोरी ऊर्जा प्रदान करता है।
- एक सामान्य महिला – पुरुष को अपने भोजन से 400 ग्राम से 500 ग्राम कार्बोहाइड्रेट लेना चाहिए।
- एक सामान्य महिला को प्रतिदिन 2400 किलो कैलोरी ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
- एक सामान्य पुरुष को 3900 किलो कैलोरी ऊर्जा की आवश्यकता होता है।
- कार्बोहाइड्रेट की कमी से शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है जिसके कारण शरीर में कमजोरी थकावट तथा चिड़चिड़ापन उत्पन्न होता है।
- कार्बोहाइड्रेट की अधिकता से मोटापा तथा मधुमेह नामक रोग होता है।
- शरीर को तत्काल ऊर्जा देने के लिए विद्यार्थी, मजदूर तथा किसान को चीनी का घोल पीना चाहिए।
भौतिक विशेषताओं के आधार पर कार्बोहाइड्रेट
भौतिक विशेषताओं के आधार पर कार्बोहाइड्रेट दो प्रकार के होते हैं –
- शर्करा
- अशर्करा
शर्करा
- यह स्वाद में मीठा होता है।
- यह जल में घुलनशील होता है।
- शर्करा प्राप्ति के उत्तम स्रोत मीठे फल व मीठे सब्जी हैं।
अशर्करा
- यह जल में अघुलनशील होता है।
- यह स्वाद रहित होता है।
- अशर्करा प्राप्ति के उत्तम स्रोत अनाजों व बीजों के छिलके, भूमिगत जड़ व तना वाली सब्जियां हैं।
रासायनिक विशेषताओं के आधार पर कार्बोहाइड्रेट
- मोनोसैकेराइट (ग्लूकोज, फ्रक्टोज, गैलेक्टोज)
- डाईसैकेराइट (सुक्रोज, माल्टोज, लैक्टोज)
- पालीसैकेराइट (स्टार्च, सेल्यूलोज, हेमीसेल्यूलोज, ग्लाइकोजन, पेक्टिन)
मोनोसैकेराइट
यह शर्करा का सरलतम इकाई है। इसमें शर्करा के केवल एक अणु पाये जाते हैं।
ग्लूकोज
- यह कार्बोहाइड्रेट का सबसे सरलतम इकाई है।
- इसे रक्त तथा अंगूर का शर्करा कहते हैं।
- रक्त में ग्लूकोज की मात्रा लगभग 80mg/100ml होता है।
- शहद में ग्लूकोज की मात्रा 30 से 40 प्रतिशत होता है।
- मीठे फलों और सब्जियों में इसकी मात्रा 2 से 6 प्रतिशत होता है।
फ्रक्टोज
- इसे फल शर्करा कहते हैं।
- यह सबसे मीठा शर्करा है।
- ग्लूकोज की अपेक्षा फ्रक्टोज का मिठास दो – गुना ज्यादा होता है।
- शहद में इसकी मात्रा बहुत अधिक होती है।
- गन्ने के रस, मीठे फल, चुकन्दर आदि में ग्लूकोज के साथ – साथ फ्रक्टोज भी पाया जाता है।
गैलेक्टोज
- पोषण की दृष्टि से गैलेक्टोज अल्प महत्वपूर्ण एवं उपयोगी कार्बोहाइड्रेट है।
- यह पादप जगत में अनुपस्थित होता है।
- रक्त वाहिनियों में गैलेक्टोज का सीधा अवशोषण नहीं होता है।
डाईसैकेराइट
- यह जल में घुलनशील होता है।
- प्रत्येक डाइसैकेराइट के मिठास में अंतर होता है।
- यह स्वाद में मीठा होता है।
सुक्रोज
- इसे गन्ना तथा चुकन्दर का शर्करा कहते हैं।
- यह गन्ने में 10 से 12 प्रतिशत पाया जाता है।
- चुकन्दर में यह 12 से 18 प्रतिशत पाया जाता है।
- अल्प मात्रा में यह फल, शहद तथा कुछ सब्जियों में भी पाया जाता है।
- पाचन क्रिया के उपरान्त सुक्रोज शर्करा, सुक्रेज एन्जाइम की उपस्थिति में ग्लूकोज और फ्रक्टोज में टूट जाता है।
माल्टोज
- यह अंकुरित बीजों जैसे – गेहूं, चावल आदि से बनाया जाता है।
- पाचन क्रिया के उपरान्त माल्टोज शर्करा, माल्टेज एन्जाइम की उपस्थित में ग्लूकोज में टूट जाता है।
लैक्टोज
- इसे दुग्ध शर्करा कहते हैं।
- माँ के दूध में इसकी मात्रा 6 से 7 प्रतिशत होता है।
- गाय के दूध में इसकी मात्रा 4.5 से 5 प्रतिशत होता है।
- यह पादप जगत में नहीं पाया जाता है।
- यह जल में कम घुलनशील होता है।
- लैक्टोज शर्करा लैक्टेज एन्जाइम की उपस्थिति में ग्लूकोज में टूट जाता है।
पालीसैकेराइट
यह सबसे जटिल कार्बोहाइड्रेट है।
स्टार्च
- यह ठण्डे जल में घुलनशील होता है।
- स्टार्च प्राप्ति के उत्तम स्रोत गेहूं, चावल, बाजरा, मक्का, जौ आदि अनाजों में 70 से 80 प्रतिशत स्टार्च पाया जाता है।
- जड़ व तने वाली सब्जियों में स्टार्च की मात्रा 20 से 35 प्रतिशत होता है।
- सूखे बीजों में स्टार्च की मात्रा लगभग 40%होता है।
- कैप्सूल का आवरण स्टार्च का बना होता है।
- यह स्वादहीन होता है।
सेल्यूलोज
- यह ग्लूकोज की कई इकाइयों से मिलकर बना होता है।
- यह अनाज. दाल, फल एवं सब्जियों के छिलके में रेशा या रफेज के रूप में पाया जाता है।
- हमारे भोजन में 10 से 15 ग्राम रफेज की मात्रा होनी चाहिए।
- मानव शरीर में सेल्यूलोज का न तो पाचन होता है और न ही कोई कैलोरी मूल्य होता है।
हेमी सेल्यूलोज
- यह भी सेल्यूलोज की तरह स्पष्ट नहीं होता है। इसका भी न तो पाचन होता है न ही कोई कैलोरी मूल्य होता है।
- किन्तु हेमी सेल्यूलोज पाचन में सहायक होता है यह कब्ज और गैस को दूर करता है।
- इसकी प्राप्ति के उत्तम स्रोत -दाल व अनाज के छिलके तथा हरी पत्तीदार सब्जियां हैं।
ग्लाइकोजन
- शरीर में ग्लूकोज के मात्रा बढ़ जाने पर ग्लूकोज, ग्लाइकोजन के रूप में बदलकर माँसपेशी तथा यकृत में संग्रहित हो जाता है।
- मनुष्य शरीर में ग्लाइकोजन का संग्रह यकृत तथा माँसपेशियों में लगभग 550 ग्राम होता है।
- मनुष्य जिस दिन व्रत या उपवास रखता है या किसी कारणवस भोजन ग्रहण नहीं कर पाता है उस दिन ग्लाइकोजन इन्सुलिन हार्मोन की उपस्थिति में पुनः ग्लूकोज में बदलकर शरीर को उर्जा प्रदान करता है।
- ग्लाइकोजन पादप जगत में नहीं पाया जाता है।
पेक्टिन
इसका भी न तो पाचन होता है न ही कोई कैलोरी मूल्य होता है।
भोज्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा
शक्कर | 99.4 % |
गुड़ | 95 % |
शहद | 79 % |
हरा चना | 59.9 % |
चावल | 78.2 % |
गेहूं व आटा | 69.4 % |
मैदा | 70.9% |
किशमिश | 77.3 % |
अंजीर | 68 % |
खजूर | 67.3 % |
जिमीकंद | 28 % |
केला | 24.7 % |
पका आम | 16.2 % |
गाय का दूध | 4.4 % |