HomeChild Development And Pedagogyमैकाले की शिक्षा नीति | Maikale Ki Shiksha Niti

मैकाले की शिक्षा नीति | Maikale Ki Shiksha Niti

मैकाले ने कहा – “एक यूरोपीय देश की किसी पुस्तकालय की एक आलमारी में जितना जानकारी (ज्ञान) है उतना पूरे भारत की जानकारी को इकठ्ठा कर लिया जाये तो यह बराबर नहीं होगी।”

मैकाले ने एक सिद्धांत दिया जिसका नाम अद्योगामी निस्यन्दन सिद्धांत/अद्योगामी छन्नीकरण का सिद्धांत है।

अद्योगामी निस्यन्दन सिद्धांत/अद्योगामी छन्नीकरण का सिद्धांत

मैकाले ने कहा कि हम शिक्षा केवल उच्च वर्गों के लोगों को ही देगें। मैकाले का उद्देश्य यह था कि उच्च वर्गों के लोगो को प्रशिक्षित करने पर निम्न वर्ग के लोगों तक शिक्षा छन – छन कर पहुँच जाएगी जिससे खर्च भी कम लगेगा।

लेकिन वर्तमान में ऐसा नहीं है।

मैकाले ने अपना विविरण पत्र बैंटिंग को भेजा।

1835 का मैकाले का घोषणा पत्र 

10 जून 1834 को लार्ड मैकाले इंग्लैण्ड से भारत आया विलियम बैटिंग का कानूनी सलाहकार बनकर।

इस समय उस 1 लाख रु० की धनराशि को जनशिक्षा समिति या लोक शिक्षा समिति कहा जाता था। इसी समिति का अध्यक्ष बैटिंग ने मैकाले को बना दिया।

अध्यक्ष बनाने के बाद मैकाले ने 1813 के आज्ञापत्र का सम्पूर्ण अध्ययन किया।

इसके बाद 2 फरवरी 1835 में मैकाले ने अपना विवरण पत्र लार्ड विलियम बैटिंग को प्रस्तुत किया। इस विवरण पत्र का उद्देश्य था कि जो वास्तव में रंग-रूप, वेश-भूषा हर तरह से भारतीय हों लेकिन उन्हें ऐसी शिक्षा दे दी जाये कि आत्मिक रूप से वह अंग्रेज बन जाये।

देखने में भारतीय और अन्त: क्रिया अंग्रेजों की तरह हो।

मैकाले ने प्राच्य और पाश्चात्य साहित्य का स्पष्टीकरण किया और तीन बातें बनायीं।

  1. जो गवर्नर जनरल हैं वह 1,00,000 रु० खर्च करने के लिए स्वतन्त्र हैं।
  2. भारतीय साहित्य तब पूरा होगा जब अंग्रेजी साहित्य जोड़ा जायेगा।
  3. भारतीय विद्वान पूरी तरह से विद्वान तब कहलायेगा जब वह हिन्दी, उर्दू, संस्कृत के साथ अंग्रेजी भी जनता हो।

उपरोक्त स्पष्टीकरण से भारतीय साहित्य में कुछ बातें नुकसानदेय भी थी।

  1. प्राचीन भारतीय संस्कृति नष्ट होने का खतरा।
  2. भारतीय शिक्षा व्यवस्था का समापन हो सकता था।

सम्पूर्ण—–bal vikas and pedagogy—–पढ़ें

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4 COMMENTS

  1. मैकाले की शिक्षा नीति हमारी शिक्षा नीति के सामने फेल हैं, कुछ चुनिंदा नेताओं औंर कुछ चुनिंदा पुलिस डिपार्टमेंट के अफसरों ने यह निति रट कर समाज में अकस्मात विद्रोह उत्पन्न कर दिया, लोग लुट मार , बैमानी, उदण्डता आदि उत्पन्न कर दिया!

  2. अकस्मात विद्रोह ,लूट मार, भ्रष्टाचार की जड़ यहाँ की समाज हैं!

    हमारी शिक्षा नीति समाज के प्रत्येक वर्गों को शिक्षित कर रही हैं इसी कारण हम बहुतों नेताओं, पुलिस डिपार्टमेंट के अफसरों के आॅखों में खटकने लगे हैं!
    प्रत्येक दिन हमें इन लोगों के मनोबल के खिलाफ लड़ना पड़ता हैं!

  3. ये लोग अपने बच्चों, या अपने यहाँ ट्यूशन पढ़ने वाले बच्चों के गृह कार्य, चेक कर लेते हैं उन्हें पढ़ा लिखा, समझा देते हैं! बाॅकी भाड़ में जाए, इसी के लिए बोलो तो नेता गण, पुलिस डिपार्टमेंट हमें कहतीं हैं ऐसे में सभी बच्चा तेज हो जाएगा, हम कहाँ से लाएंगे इतनी नौकरी, अर्थात जो हमें धन देता हैं ऊसके बच्चों को हम धारण करते हैं!

  4. भारतीय शिक्षा पद्धति को बदलकर मैकॉले ने जो व्यवस्था भारत को दी है जिससे भारतवासी यह कभी नहीं समझ पाएंगे कि उनके खुद के घर में अंग्रेज कब पैदा हो गया

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