HomeChild Development And Pedagogyअभिप्रेरणा का अर्थ, परिभाषा, प्रकार एवं विशेषताएँ

अभिप्रेरणा का अर्थ, परिभाषा, प्रकार एवं विशेषताएँ

अभिप्रेरणा का अर्थ 

‘अभिप्रेरणा’ अंग्रेजी शब्द Motivation का हिन्दी रूपान्तरण है। जिसकी उत्पत्ति लैटिन भाषा के ‘Motum’ शब्द से हुई है। जिसका अर्थ ‘गति करना’ होता है।

अर्थात अभिप्रेरणा एक ऐसा आन्तरिक बल है जो व्यक्ति को लक्ष्य की ओर या निश्चित व्यवहार करने के लिए अग्रसर करता है।

अभिप्रेरणा की महत्वपूर्ण परिभाषाएँ 

गुड के अनुसार – “अभिप्रेरणा किसी कार्य को आरम्भ करने जारी रखने एवं नियंत्रित करने की प्रवृत्ति है।”

स्किनर के अनुसार – “अभिप्रेरणा अधिगम का सर्वोत्कृष्ट राजमार्ग है।”

मैक डोनाल्ड के अनुसार – “अभिप्रेरणा व्यक्ति के अन्दर ऊर्जा परिवर्तन है।”

क्रेच एवं क्रेच फील्ड के अनुसार – “अभिप्रेरणा हमारे ‘क्यों’ का उत्तर देती है।”

एवरिल के अनुसार – “अभिप्रेरणा का तात्पर्य है – सजीव प्रयास।”

अभिप्रेरणा के प्रकार 

कुछ मनोवैज्ञानिको ने अभिप्रेरणा के दो प्रकार बताये हैं –

  1. सकारात्मक अभिप्रेरणा
  2. नकारात्मक अभिप्रेरणा

सकारात्मक अभिप्रेरणा

बालक के अन्दर स्वतः उत्पन्न होने वाली अभिप्रेरणा, सकारात्मक अभिप्रेरणा कहलाती है। इसे आन्तरिक प्रेरणा भी कहा जाता है। इस प्रकार की प्रेरणा के कारण बालक स्वयं अपनी इच्छा से कार्य करता है। इससे बालक को सुख और संतोष मिलता है।

नकारात्मक अभिप्रेरणा

बालक में बाह्य रूप से उत्पन्न होने वाली अभिप्रेरणा, नकारात्मक अभिप्रेरणा कहलाती है। इसे बाह्य प्रेरणा भी कहा जाता है। इस प्रकार की प्रेरणा में बालक को किसी बाहरी दबाव के कारण कार्य करना पड़ता है।

महत्वपूर्ण बिन्दु – बालक की शिक्षा में सकारात्मक अभिप्रेरणा का प्रयोग करना सर्वोत्तम होता है। नकारात्मक अभिप्रेरणा के प्रयोग से बालक को शिक्षा या किसी कार्य के प्रति अरुचि पैदा हो सकती है।

अब्राहम मास्लो के अनुसार अभिप्रेरणा के प्रकार 

अब्राहम मास्लो ने अभिप्रेरणा के दो प्रकार बताये हैं –

  1. जन्मजात (जैसे -भूख, प्यास, नीद आदि)
  2. अर्जित (जैसे – प्रतिष्ठा, पुरस्कार, सम्मान आदि)

गैरिट के अनुसार अभिप्रेरणा के प्रकार 

गैरिट ने अभिप्रेरणा के तीन प्रकार बताये हैं –

  1. जैविक (जैसे – भय, क्रोध, प्रेम आदि)
  2. मनोवैज्ञानिक (जैसे – रचनात्मक, चिंतन)
  3. सामाजिक (जैसे – सम्मान, प्रतिष्ठा)

अभिप्रेरणा के पक्ष 

अभिप्रेरणा का आरम्भ किसी न किसी आवश्यकता से होता है और अभिप्रेरणा का अन्त लक्ष्य की प्राप्ति से होता है। अभिप्रेरणा एक व्यापक शब्द है जिसके तीन पक्ष होते हैं।

  1. आवश्यकता
  2. अन्तर्नोद
  3. उद्दीपन

अभिप्रेरणा की विशेषताएँ 

  • अभिप्रेरणा अधिगम का मुख्य चालक, ह्रदय, पथ प्रदर्शक, सर्वोत्तम सोपान तथा सर्वोत्कृष्ट राजमार्ग है।
  • अभिप्रेरणा में व्यक्ति का व्यवहार लक्ष्य से निर्देशित होता है।
  • अभिप्रेरित व्यक्ति में निरन्तरता होती है।
  • अभिप्रेरित व्यवहार में व्यक्ति चयनात्मक क्रियाएं करता है।
  • अभिप्रेरणा व्यक्ति में उर्जा परिवर्तन लाती है।
  • भावात्मक पक्ष अत्याधिक उग्र होता है।

सम्पूर्ण—–bal vikas and pedagogy—–पढ़ें

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

Latest Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here