दीपावली (Diwali) दीपों का त्यौहार है। जिसे पूरे भारतवर्ष में बड़ी ही धूम – धाम से मनाया जाता है। दीपावली के दिन माँ लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।
दीपावली (Diwali) आने के कुछ दिन पहले से ही लोग अपने – अपने घरों की साफ – सफाई करना शुरू कर देते हैं। क्योकि घर और बाहर के वातावरण को स्वच्छ बनाकर खुशीपूर्वक त्यौहार मनाना ही इस पर्व का मुख्य उद्देश्य है।
दीपावली (Diwali) त्यौहार क्यो मनाया जाता है ?
दीपावली (Diwali) सम्पूर्ण भारतवर्ष में कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इसके सबन्ध में अनेक कहानियाँ प्रचलित हैं कुछ लोग कहते हैं। कि जब भगवान श्री रामचन्द्र चौदह वर्ष का वनवास पूरा करने के बाद अपनी पत्नी और अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटे तो अयोध्यावासियों ने उनके आने की खुशी में घर – घर दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। और तभी से दीपावली (Diwali) का त्यौहार मनाया जाता है।
तथा कुछ लोग कहते हैं कि इसी दिन लक्ष्मी जी का विवाह भगवान विष्णु से हुआ था। इसीलिए यह त्यौहार मनाया जाता है।
दीपावली (Diwali) कितने दिनों का होता है ?
दीपावली पाँच दिनों तक लगातार मनाया जाता है।
दीपावली (Diwali) का पहला दिन
दीपावली के पहले दिन को ‘धनतेरस’ के नाम से जानते हैं। इस दिन सभी लोग नए – नए बर्तन खरीदते हैं। और उस बर्तन में गणेश – लक्ष्मी जी की मूर्ति को रखकर पूजन करते हैं। मिठाइयाँ चढ़ाते हैं और प्रसाद के रूप में मिठाइयों को बाँटते हैं।
दीपावली (Diwali) का दूसरा दिन
दीपावली के दूसरे दिन को ‘नरक – चतुर्दशी’ के नाम से जानते हैं। क्योकि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का वध किया था।
दीपावली (Diwali) का तीसरा दिन
दीपावली का तीसरा दिन ही मुख्य दीपावली का दिन होता है। इस दिन लोग अपने घरों के मुख्य द्वार को रंगोली से सजाते हैं। इस दिन लोग अपने – अपने घरों को मिट्टी के दीप जलाकर सजाते हैं। इस दिन रात चारो तरफ प्रकाश ही प्रकाश होता है। इस दिन सभी लोगों के घरों में अच्छे – अच्छे पकवान बनते हैं। सभी लोग नये – नये कपड़े पहनते हैं और एक दूसरे से गले भी मिलते हैं। बच्चे खिलौने और मिठाइयाँ खरीदते हैं तथा पटाखों के साथ खेलते हैं। इस रात सभी लोग गणेश जी और माँ लक्ष्मी जी की विशेष रूप से पूजा करते हैं।
दीपावली (Diwali) का चौथा दिन
दीपावली का चौथा दिन ‘व्यापार के नए वर्ष’ का दिन होता है। लेकिन व्यापारी इस दिन अपनी दुकानो को बंद रखते हैं। लोग एक – दूसरे से मिलते हैं तथा उन्हे नए वर्ष की शुभकामनायें देते हैं।
दीपावली (Diwali) का पांचवा दिन
दीपावली के पांचवे दिन को ‘भैया – दूज’ के नाम से जानते हैं। इस दिन सभी बहने अपने भाइयों की आरती उतारती हैं और मिठाई खिलाती हैं। भाई भी अपनी बहन को कुछ धन या उपहार भेंट के रूप में देता है।
Diwali 2020
प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष दीपावली का त्यौहार 14 नवम्बर 2020 दिन शनिवार को मनाया जाएगा।
Diwali 2020
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – शाम 5:23 मिनट से शाम 07:18 मिनट तक
प्रदोष काल – शाम 05:23 मिनट से शाम 08:03 मिनट तक
वृषभ काल – शाम 05:23 मिनट से 07:18 मिनट तक
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 14 नवम्बर 2020, शाम 02 :17 मिनट
अमावस्या तिथि समाप्त – 15 नवम्बर 2020, प्रातः काल 10:36