बाल विकास का अर्थ आवश्यकता एवं क्षेत्र

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बालविकास का अर्थ

बालक के विकास में होने वाले क्रमित परिवर्तन को बालविकास कहते है। बालविकास शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – बालक  तथा विकास 

बालक का अर्थ

यहाँ  बालक का तात्पर्य मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु तक की अवस्था से है। न की छोटे बच्चे से । क्योंकि मनुष्य जन्म से लेकर मृत्यु तक कुछ न कुछ सीखता ही रहता है । अर्थात वह बालक ही होता है। जिसमे बालक के विकास के साथ-साथ रचनात्मक परिवर्तन भी होते है।

विकास का अर्थ

विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जो बालक के जन्म से मृत्यु तक चलती रहती है।अर्थात मनुष्य के जीवन विकास में शारीरिक,मानसिक क्षमताओं के रूप में जो क्रमागत परिवर्तन होते है, उन्हें विकास  कहते है। बालक का कितना विकास हुआ है हमे बालक के विभिन्न क्रियाओं  के द्वारा पता चलता है।

अब यहाँ समझने वाली बात यह है की बृद्धि और विकास में  क्या अंतर है-

 बृद्धिविकास 
बृद्धि हमे दिखाई देती है।विकास हमे नहीं दिखाई देता है।  
बालकों का बृद्धि एक निश्चित समय तक ही होता है।इसकी कोई सीमा निश्चित नहीं होती
 बृद्धि को हम माप सकते है।विकास को हम नहीं माप सकते है।

बालविकास की परिभाषाएँ

बालविकास की परिभाषाएँ निम्नलिखित है –

क्रो एण्ड क्रो- “बाल मनोविज्ञान वह विज्ञान है जो व्यक्ति के विकास का वैज्ञानिक अध्ययन गर्भकाल से किशोरावस्था तक करता है।”

जेम्स ड्रेवर- “बाल मनोविज्ञान वह विज्ञान है जो व्यक्ति के विकास का वैज्ञानिक अध्ययन जन्म से परिपक्वावस्था तक करती है।”

स्किनर- “बाल मनोविज्ञान बालक के व्यवहार एवं अनुभव का विज्ञान है।”

वॉटसन- “मनोविज्ञान, व्यवहार का विज्ञान है।”

बालविकास की आवश्यकता

एक शिक्षक को बालक के  विकास के सम्बन्ध में जानना इसलिए आवश्यक है की किस आयु के बालक से क्या अपेक्षा करें और कब करें अन्यथा हमारी प्रावृत्ति बालक की एक विशेष अवस्था में अधिक या कम करने की अपेक्षा होगी। यदि बालक से अधिक अपेक्षा की जाती है तो उसमे अपूर्णता की भावना आ जाती है। और यदि कम अपेक्षा की जाती है तो उसमे भावनाओं और क्रियाओं को प्रोत्साहन नहीं मिल पाता है। जिसके कारण जिन कार्यों को करने में उनकी क्षमता होती है उन्हें भी वह नहीं कर पाते है। बड़ो को यह ज्ञात हो जाता है की बालक के वृद्धि और विकास के लिए कब अधिक और कब कम प्रयत्न किया जाए। इस प्रकार का ज्ञान बालको के विकास के लिए उपर्युक्त वातावरण तैयार करने में सहायता प्रदान करता है

बालविकास का क्षेत्र

  • बालक के विकास के विभिन्न अवस्थाओं का अध्ययन।
  • बालविकास के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन।
  • बालको के रुचियों का अध्ययन।
  • बालविकास को प्रभावित करने   वाले तत्वों का अध्ययन।
  • व्यक्तिगत भिन्नता का अध्ययन।

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