भारतीय संविधान में शिक्षा संबंधी प्रावधान निम्नलिखित हैं –
अनुच्छेद (14) :- विधि के समक्ष समता या समानता।
इसमे भारत के नागरिकों को विधि के समक्ष समानता का अधिकार दिया गया है।
इसका तात्पर्य यह है कि राज्य सभी व्यक्तियों के लिए समान कानून बनायें तथा उन पर एक समान ढंग से लागू करे।
शिक्षा के संदर्भ में यही प्रावधान लागू होते हैं।
अनुच्छेद 21(A) :- बालकों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा।
राज्य को 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध करानी होगी। यह राज्य द्वारा निर्धारित कानून के अंतर्गत होगा।
अनुच्छेद (23) :- स्त्री तथा बच्चों के क्रय – विक्रय एवं उनका अनैतिक व्यापार दण्डनीय है।
अनुच्छेद (24) :- 14 वर्ष तक के बच्चों को कारख़ानो या जोखिम वाले कार्यों में लगाना दण्डनीय है।
अनुच्छेद (28) :- राज्य को सिर्फ शिक्षण संस्थानों में धार्मिक शिक्षा या उपासना का निषेध।
इसका तात्पर्य यह है कि राज्य निधि से सहायता प्रदान करने वाली किसी भी शिक्षण संस्थानों में कोई धार्मिक शिक्षा नहीं दी जायेगी।
अनुच्छेद 29 (क) :- भारत के राज्य क्षेत्र या उसके किसी मार्ग के निवासी नागरिकों के किसी अनुभाग को जिसकी अपनी विशेष भाषा, लिपि, संस्कृति है, उसे बनाये रखने का अधिकार होगा।
अनुच्छेद 29 (ख) :- नागरिकों को शिक्षा संस्थानो में प्रवेश का अधिकार।
इसका तात्पर्य है कि राज्य निधि से सहायता प्रदान करने वाली किसी शिक्षा संस्था में किसी नागरिक को केवल धर्म, जाति, भाषा, या इनमे से किसी एक के आधार पर रोका नहीं जायेगा।
अनुच्छेद 30 (1) :- शिक्षा संस्थानों की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गो का अधिकार।
इसका तात्पर्य है कि कोई भी अल्पसंख्यक वर्ग अपनी पसन्द का शैक्षणिक संस्था चला सकता है और सरकार उसे अनुदान देने में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करेगी।
अनुच्छेद 30 (2) :- शिक्षा संस्थाओं को सहायता देने में राज्य किसी शिक्षा संस्था के विरुद्ध इस आधार पर विभेद नहीं करेगा कि वह धर्म या भाषा पर आधारित किसी अल्पसंख्यक वर्ग का है।
अनुच्छेद (45) :- इसमे कहा गया है कि राज्य संविधान लागू होने के 10 वर्ष के अंदर 6 से 14 वर्ष तक के आयु के बालकों के लिए निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा देने की व्यवस्था करे।
अनुच्छेद (46) :- अनुसूचित जाति एवं जनजाति और अन्य दुर्बल वर्गों के शिक्षा आर्थिक हित की बृद्धि तथा शोषण से रक्षा का प्रयास करना।
अनुच्छेद (343) :- संघ की राजभाषा हिन्दी एवं लिपि देवनागरी होगी।
अनुच्छेद (350) :- प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा देना।
अनुच्छेद (351) :- हिन्दी भाषा का प्रोत्साहन तथा प्रचार – प्रसार करना।
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