कम्प्यूटर एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो डाटा तथा निर्देशों को इनपुट के रूप में ग्रहण करती है, उनका विश्लेषण करती है तथा आवश्यक परिणामों को निश्चित प्रारूप में आउटपुट के रूप में निर्गत करती है।
कम्प्यूटर शब्द लैटिन भाषा के कम्प्यूटेअर व अंग्रेजी भाषा के शब्द ‘compute’ से बना है जिसका अर्थ होता है ‘गणना’।
कम्प्यूटर के जनक
कम्प्यूटर के जनक चार्ल्स बैबेज है।
कम्प्यूटर 30 से 40 सेकण्ड में चालू होता है तथा 5 सेकण्ड में बंद होता है।
कम्प्यूटर का पूरा नाम
C – Common (सर्वसाधारण )
O – Operating (संचालित करना )
M – Machine (यन्त्र )
P – Particularly (विशेष रूप से )
U – User (प्रयोगात्मक )
T – Trade ( माध्यम )
E – Education,Entertainment (शिक्षा,मनोरंजन )
R – Result,Research (परिणाम )
कम्प्यूटर के प्रकार
कम्प्यूटर को निम्नलिखित भागो में बाँटा गया है –
अनुप्रयोगों ( Application ) के आधार पर कम्प्यूटर के प्रकार
अनुप्रयोगों के आधार पर कम्प्यूटर तीन प्रकार के होते है-
- एनालॉग कम्प्यूटर
- डिजिटल कम्प्यूटर
- हाइब्रिड कम्प्यूटर
एनालॉग कम्प्यूटर
एनालॉग कम्प्यूटर वे कम्प्यूटर होते है जो भौतिक मात्राओं को नापने का कार्य करते है। जैसे – ताप,दाब,लम्बाई,चौड़ाई आदि को मापकर उनके परिणाम अंको में व्यक्त कर सकते है। यह कम्प्यूटर दो परिमापों के बीच तुलना भी कर सकता है।
डिजिटल कम्प्यूटर
डिजिटल कम्प्यूटर अंको की गणना करते है। डिजिटल कम्प्यूटर डाटा एवं प्रोग्राम को (0,1 ) में परिवर्तित करके उनका इलेक्ट्रॉनिक रूप ले लेते है। अधिकांश कम्प्यूटर डिजिटल कम्प्यूटर ही होते है| इन कम्प्यूटर का उपयोग विद्यालयों,कार्यालयों,दुकानों इत्यादि में प्रयुक्त किया जाता है।
हाइब्रिड कम्प्यूटर
वे कम्प्यूटर जो एनालॉग एवं डिजिटल कम्प्यूटर दोनों का कार्य करते है, हाइब्रिड कम्प्यूटर कहलाते है। जैसे – पेट्रोल पम्प (यह पेट्रोल को मापता है और उसके मूल्य की गणना भी करता है|) रोबोट आदि।
उद्देश्य (Purpose) के आधार पर कम्प्यूटर के प्रकार
उद्देश्य के आधार पर कम्प्यूटर दो प्रकार के होते है –
- सामान्य उद्देशीय कम्प्यूटर
- विशिष्ट उद्देशीय कम्प्यूटर
सामान्य उद्देशीय कम्प्यूटर
ये वे कम्प्यूटर कम्प्यूटर होते है जिससे सामान्य कार्य किये जाते हैं। जैसे – पत्र लेखन तथा डाटावेश से सम्बन्धित कार्य किये जाते है। इनका प्रयोग घरों एवं दुकानों में किया जाता है।
विशिष्ट उद्देशीय कम्प्यूटर
यह कम्प्यूटर विशेष कार्य के लिए तैयार किये जाते है। इनके CPU सामान्य कम्प्यूटर की अपेक्षा मँहगे होते है। इनका प्रयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाता है| जैसे – मौसम विज्ञान,कृषि विज्ञान,आन्तरिक्ष विज्ञान,शिक्षा, खेल आदि में किया जाता है।
आकार एवं क्षमता के आधार पर कम्प्यूटर के प्रकार
आकार एवं क्षमता के आधार पर कम्प्यूटर चार प्रकार के होते है –
- माइक्रो कम्प्यूटर
- मिनी कम्प्यूटर
- मेनफ्रेम कम्प्यूटर
- सुपर कम्प्यूटर
माइक्रो कम्प्यूटर
यह कम्प्यूटर आकार में छोटे होते है इनमे माइक्रो प्रोसेसर का प्रयोग किया जाता है। इसलिए इन्हे माइक्रो कम्प्यूटर कहते है ये वजन में हल्के एवं सस्ते होते हैं। इन कम्प्यूटर का प्रयोग घरों व छोटे व्यवसाय के लिए किया जाता है इन कम्प्यूटर को PC भी कहते है। इन्हे पाँच भागों में बाँटा गया है –
- Desktop Computer
- Laptop Computer
- Palmtop Computer
- Notebook Computer
- Tablet Computer
मिनी कम्प्यूटर
मिनी कम्प्यूटर माइक्रो कम्प्यूटर की तुलना में कुछ बड़े,तीव्र व मँहगे होते है इनका मुख्य उद्देश्य MULTIUSER वातावरण प्रदान करना है।
मेनफ्रेम कम्प्यूटर
यह कम्प्यूटर बड़ी-बड़ी कम्पनियों एवं सरकारी ऑफिसों में सर्वर कम्प्यूटर के कार्य के लिए प्रयोग किये जाते है। इनकी कार्य क्षमता मिनी कम्प्यूटर से अधिक होती है। इस कम्प्यूटर पर एक साथ कई यूजर लॉगिन कर सकते है। इनका हार्डवेयर मिनी कम्प्यूटर से बड़ा होता है। यह कम्प्यूटर घरों में प्रयोग होने वाले कम्प्यूटर नहीं होते है यह मँहगे कम्प्यूटर होते है।
सुपर कम्प्यूटर
सुपर कम्प्यूटर एक विशेष प्रकार के कम्प्यूटर होते है। इनका निर्माण विशेष कार्य के लिए किया जाता है। ये दुनिया के सबसे तेज और बड़े कम्प्यूटर होते है। इन कम्प्यूटर में अनेक CPU एक समान्तर क्रम में लगे होते है जिसके कारण से इनकी कार्य करने की क्षमता अधिक होती है। पहले सुपर कम्प्यूटर का नाम परम कम्प्यूटर था।
सुपर कम्प्यूटर का उपयोग आन्तरिक्ष यात्रा के लिए,मौसम विज्ञान की जानकारी ज्ञात करने के लिए,युद्ध के लिए आदि।