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एड्स क्या है ? एड्स कैसे होता है, एड्स के लक्षण एवं बचने हेतु सावधनियाँ

आज के नोट्स में मै आपको बताऊँगा कि AIDS kya hai, AIDS kaise hota hai, AIDS ke lakshan क्या है और AIDS से बचने के लिए हमें कौन – कौन सी सावधानियाँ करनी चाहिए।

एड्स क्या है ? (AIDS kya hai)

AIDS का पूरा नाम Acquired Immune Deficiency Syndrome हैं। यह सबसे पहले कैलीफोर्निया (USA) में सन् 1981 ई० में आया था। यह रोग HIV (Human Immuno – Deficiency Virus) से होता है। जो मानव शरीर में प्रवेश कर उसकी प्रतिरक्षण क्षमता को नष्ट करने लगता है। ऐसी स्थिति में शरीर पर किसी भी दवा का कोई असर नहीं होता है।

HIV वायरस का खाना रक्त होता है और यह रक्त में WBC को खाता है।

एक बार संक्रमित होने के बाद व्यक्ति में यह विषाणु जीवन – पर्यन्त विद्यमान रहता है। इस वायरस या विषाणु का उद्भावन काल कुछ माह से लेकर 6 वर्षों तक या उससे अधिक भी हो सकता है।  

भारत में AIDS रोगी की जानकारी सबसे पहले सन् 1986 ई० में हुई थी।

प्रत्येक वर्ष पूरे विश्व में 1 – दिसम्बर को एड्स दिवस मनाया जाता है।

एड्स के लक्षण (AIDS ke lakshan)

  • एड्स को पहचानने के मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं –
  • एक महीने से अधिक समय तक बुखार आना।
  • वजन कम होना।
  • भूख न लगाना।
  • एक महीने से अधिक समय तक अतिसार आना।

एड्स के अन्य लक्षण

  • लगातार खाँसी आना।
  • रात में पसीना आना।
  • त्वचा में ट्यूमर।
  • पूरे शरीर में खुजली रहना।
  • पागलपन करना।

एड्स परीक्षण

HIV पॉजिटिव व्यक्तियों का पता लगाने के लिए सामान्यतः दो परीक्षण किये जाते हैं –

  1. एलीसा परीक्षण (ELISA)
  2. वेस्टर्न ब्लॉट (Western Blot)

एड्स कैसे होता है ? (AIDS kaise hota hai)

एड्स वायरस के पहुँचने का मुख्य कारण रक्त होता है। एड्स रोग के प्रसार के मुख्य निम्नलिखित कारण है –

यौन संचार :-  AIDS फ़ैलाने का मुख्य कारण यौन संसर्ग है।

रक्त द्वारा संचार :- HIV के पहुँचाने का मुख्य माध्यम रक्त ही होता है यह निम्न माध्यमों से पहुँचता है –

  • संक्रमित सुई के द्वारा
  • रक्ताधान प्रक्रिया के द्वारा
  • गोदना गुदवाना, कान छिदवाना आदि प्रक्रिया के द्वारा

गर्भस्थ द्वारा संचार :- HIV से ग्रसित माता अपने गर्भस्थ शिशु में संक्रमण उत्पन्न कर सकती है।

एड्स से बचने के लिए की जाने वाली सावधानियाँ

एड्स से बचने के लिए के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियाँ नीचे दी गई हैं –

  • सुरक्षित रक्त संचरण। 
  • इंजेक्शन लेने का सही तरीका। 
  • स्त्रियों के सम्पर्क वाले रोगों की पहचान करना एवं उनका इलाज करना।
  • कण्डोम की व्यवस्था करना एवं उसका सही उपयोग करना।

एड्स को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार ने कुछ कार्यक्रम भी चलाये हैं जो नीचे दी गई हैं –

  •  जनता में जागरूकता फैलाना और सामुदायिक सहयोग को बढ़ावा देना।
  • यौन रोगों के संचरण में नियंत्रण करना।
  • अस्पताल प्रबंधन को मजबूती और देखभाल से संभालना।
  • एड्स नियंत्रण के लिए प्रबंधन क्षमता को मजबूती देना।
एड्स के प्रति फैली भ्रांतियाँ

एड्स से सम्बंधित बहुत सारी भ्रांतियाँ फैली हुई है जैसे की लोग समझते है कि HIV से संक्रमित व्यक्ति के साथ उठाने – बैठने, हाथ मिलाने,  खाने – पीने आदि से एड्स हो जाता है लेकिन यह गलत है।

विश्व स्वास्थ संगठन ने एक ऐसी सूची जारी की है, जिनसे एड्स नहीं होता है –

  • एड्स से पीड़ित व्यक्ति के साथ स्नान करने से एड्स नहीं फैलता है।
  • हाथ मिलाने से एड्स नहीं फैलता है।
  • एक ही मच्छर के काटने से एड्स नहीं होता है।
  • एक ही कार्यालय में साथ – साथ कार्य करने से एड्स नहीं होता है।
  • एड्स से पीड़ित व्यक्ति के खाँसने, छींकने से एड्स नहीं फैलता है।
  • संक्रमित व्यक्ति द्वारा पीने अथवा खाने के बर्तन से एड्स नहीं फैलता है। आदि 

इसे भी पढ़े – रक्त परिसंचरण तंत्र (Circulatory System)

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