थार्नडाइक ने अपनी पुस्तक ‘शिक्षा मनोविज्ञान’ मे सीखने के सिद्धान्त का प्रतिपादन किया जिसे thorndike theory of learning के नाम से जाना जाता है।
thorndike theory of learning को अन्य नामो से भी जाना जाता है जो नीचे दिये गए हैं –
- थार्नडाइक का संबद्धवाद
- सम्बन्धवाद का सिद्धान्त
- उद्दीपक सिद्धान्त
- सीखने का सम्बन्ध सिद्धान्त
- प्रयास एवं भूल का सिद्धान्त
thorndike theory of learning का अर्थ एवं व्याख्या
अमेरिकी मनोवैज्ञानिक थार्नडाइक ने अधिगम का सम्बन्धवाद सिद्धान्त दिया है जिसे उद्दीपक अनुक्रिया सिद्धान्त (S – R Theory) या प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धान्त या बंधन सिद्धान्त भी कहते हैं।
इस सिद्धान्त के अनुसार, किसी प्राणी के सामने जब कोई उद्दीपक प्रस्तुत होता है तो प्राणी उसके प्रति अनुक्रिया करता है।यह अनुक्रिया तब तक करता है जब तक की उसे संतुष्टि नहीं मिल जाती है जिस अनुक्रिया से प्राणी को संतुष्टि प्राप्त होती है उससे वह उस उद्दीपक का सम्बन्ध या बन्धन बना लेता है।यही बन्धन अधिगम कहलाता है।और प्राणी के सम्मुख जब कभी भविष्य मे वह उद्दीपक आता है तो वह वैसी ही प्रक्रिया व्यक्त करता है।
दो या दो से अधिक अनुभवों मे सम्बन्ध स्थापित हो जाने के कारण इसे साहचर्य सिद्धान्त भी कहते हैं।
thorndike theory of learning का प्रयोग
थार्नडाइक ने बिल्लियों, चूहों तथा मुर्गियों के ऊपर अनेक प्रयोग करने के बाद सीखने का प्रयोगवाद अर्थात उद्दीपक अनुक्रिया सिद्धान्त तथा सीखने के नियमो का प्रतिपादन किया।
थार्नडाइक ने अपने सीखने के सिद्धान्त का मुख्य प्रयोग भूखी बिल्ली पर किया।उसने एक भूखी बिल्ली को एक पिजड़े मे बंद कर दिया और पिजड़े के बाहर एक तस्तरी मे मंछली का मांस इस प्रकार से रख दिया कि बिल्ली मांस को देख व सूंघ सके तथा मांस प्राप्त करने के लिए प्रयास करे ।पिजड़े मे भूखी बिल्ली को बंद करने पर वह पिजड़े मे इधर उधर दौड़ लगाई तथा तरह – तरह की उछल कूद की अपने पंजो से छड़ो को तोड़ने का प्रयास किया।अन्त मे वह अंजाने मे खटके को दबाने मे सफल हो गई जिससे पिजड़े का दरवाजा खुल गया।बिल्ली ने बाहर आकार मांस को खा लिया।
थार्नडाइक ने पुनः बिल्ली को पिजड़े मे बंद कर दिया बिल्ली ने पुनः उछल – कूद की तथा जल्दी से खटके को दबाकर दरवाजा खोलने मे सफलता प्राप्त की।थार्नडाइक ने देखा कि कुछ प्रयासो के बाद बिल्ली अनावश्यक तथा अनवांछिक क्रियाओ को कम करने लगी और शीघ्रता से खटके से पिजड़े का दरवाजा खोलने मे निपुण हो गई।
थार्नडाइक ने निष्कर्ष निकाला कि उद्दीपक व वांछिक अनुक्रिया के बीच अच्छा सम्बन्ध बन गया।
थार्नडाइक के सीखने के नियम (thorndike laws of learning)
एडवर्ड ली थार्नडाइक ने सीखने के तीन मुख्य नियम और पाँच गौण नियम दिये है जो नीचे दिये गए हैं।
थार्नडाइक के मुख्य नियम
- अभ्यास का नियम
- प्रभाव का नियम
- तत्परता का नियम
थार्नडाइक के गौण नियम
- बहुअनुक्रिया का नियम
- मनोवृति का नियम
- आंशिक क्रिया का नियम
- सादृश्यता का नियम
- साहचर्यात्मक नियम
सिद्धान्त का शिक्षा मे महत्व
- यह सिद्धान्त मंदबुद्धि बालकों के लिए बहुत उपयोगी है।
- इस सिद्धान्त के द्वारा बालकों मे परिश्रम के प्रति आशा का साचार होता है।
- इस सिद्धान्त के द्वारा बालकों मे अनुभव द्वारा लाभ उठाने कि क्षमता का विकास होता है।
- यह सिद्धान्त बालकों के समस्या समाधान पर बल देता है।
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