कर्जन ने भारतीय शिक्षा को समृद्ध तथा गुणवत्तापूर्ण बनाने के उद्देश्य से 1901 ई० में शिमला में शिक्षा सम्मलेन आयोजित किया।
शिमला शिक्षा सम्मलेन का अध्यक्ष कर्जन स्वयं था तथा इसमें 150 से अधिक प्रस्ताव पास किये गये।
शिक्षा सम्मलेन में भारतीयों को सम्मिलित न किये जाने से इसका विरोध किया गया।
कर्जन ने 27 जनवरी 1902 को थॉमस रैले की अध्यक्षता में भारतीय विश्वविद्यालय आयोग की नियुक्ति कर दी।
भारतीय विश्वविद्यालय आयोग के जांच के विषय
- ब्रिटिश भारत में स्थापित विश्वविद्यालय की दशाओं तथा भारी सम्भावनाओं की जांच करना।
- उनकी कार्यप्रणाली में सुधार हेतु प्रस्ताव।
- गवर्नर जनरल के समक्ष अधिगम की स्थिति को उच्च करने के लिए विश्वविद्यालयी शिक्षण स्तर को ऊँचा करना।
आयोग के सुझाव
- अध्यापकों को उच्च स्तर पर शिक्षित किया जाये।
- विश्वविद्यालयों के पुनर्गठन के स्थान पर उनकी संचालन समिति बनायी जाय।
- प्रभावशाली शिक्षण हेतु उत्तम शिक्षण व्यवस्थाएं दी जाए।
- छात्रों के लिए छात्रावास बनाये जाये।
- छात्रों की स्थिति के अनुरूप उन्हें छात्रवृत्ति प्रदान की जाए।
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