आज के नोट्स में आप लोग संविधान सभा का गठन, संविधान सभा की बैठक और सदस्य, संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव, संविधान निर्माता समिति एवं उनके अध्यक्ष तथा संविधान के प्रारूप समिति के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे।
भारतीय संविधान सभा का गठन
- संविधान सभा की सर्वप्रथम माँग बाल गंगाधर तिलक ने सन 1895 ई० में किया था।
- कैबिनेट मिशन योजना के प्रस्ताव के तहत, संविधान सभा का चुनाव भारतीय संविधान की रचना के लिए किया गया था।
- संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की गई थी।जिनमे से 296 सीटें ब्रिटिश सरकार या भारत सरकार की थी। 296 सीटों में 292 सीटें ब्रिटिश प्रान्तों के प्रतिनिधि तथा 4 सीटें चीफ कमिश्नरी क्षेत्रो के प्रतिनिधि थे। 4 चीफ कमिश्नरी क्षेत्र दिल्ली, कुर्ग (कर्नाटक), अजमेर और बलूचिस्तान थे।और 93 सीटें देशी रियासतों से थीं।
- मिशन योजना के अनुसार जुलाई – अगस्त 1946 में अप्रत्यक्ष रूप से संविधान सभा का चुनाव हुआ।
- कुल 389 सदस्यों में से प्रांतों के लिए निर्धारित 296 सदस्यों के लिए चुनाव हुए।इस चुनाव में कांग्रेस को 208 सीटें, मुस्लिम लीग को 73 सीटें तथा छोटे समूह व स्वतंत्र सदस्यों को 15 सीटें मिली।
- देशी रियासतों के प्रतिनिधियों का चयन रियासतों के प्रमुख द्वारा किया जाना था लेकिन रियासतों को आवांटित की गई सभी 93 सीटें भर नहीं पायीं क्योकि उन्होंने संविधान सभा से अलग रहने का निर्णय कर लिया।
- संविधान सभा में रियासतों से सर्वाधिक प्रतिनिधि मैसूर ( 7 ) थे।
- संविधान सभा के सदस्यों में अनुसूचित जनजाति के सदस्यों की संख्या 33 थी तथा संविधान में महिला सदस्यों की संख्या 15 थी।
संविधान सभा की बैठक
- संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर 1946 ई० को नई दिल्ली में स्थित काउंसिलिंग चैम्बर के पुस्तकालय भवन में हुई थी। जिसमे कुल 207 सदस्य थे।
- संविधान सभा के सबसे बुजुर्ग सदस्य डॉक्टर सच्चिदानन्द सिन्हा को सभा का अस्थायी अध्यक्ष चुना गया। मुस्लिम बैठक ने इस प्रथम बैठक का बहिष्कार किया।
- संविधान सभा की दूसरी बैठक 11 दिसंबर 1946 को हुई।डॉ० राजेन्द्र प्रसाद संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष निर्वाचित हुए और संविधान सभा के दो उपाध्यक्ष निर्वाचित किये गए डॉ० एच० सी० मुखर्जी तथा V. T कृष्णामचारी।
उद्देश्य प्रस्ताव
संविधान सभा की कार्यवाही, जवाहर लाल नेहरू द्वारा 13 दिसम्बर 1946 ई० को प्रस्तुत उद्देश्य प्रस्ताव के साथ प्रारम्भ हुई। उद्देश्य प्रस्ताव को 22 जनवरी 1947 को स्वीकृति मिली। इसके तहत ये निर्धारित किया गया कि हमारे संविधान का उद्देश्य क्या होगा।
इस प्रस्ताव में कहा गया कि संविधान सभा भारत को एक स्वतंत्र एवं सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न गणराज्य घोषित करती है।उद्देश्य प्रस्ताव के स्वीकृति के बाद संविधान सभा ने संविधान निर्माण के लिए अनेक समितियों का गठन किया गया।
संविधान निर्माता समिति एवं उनके अध्यक्ष
प्रारूप समिति – डॉ० भीमराव अम्बेडकर
संघ संविधान समिति – जवाहर लाल नेहरू
प्रान्तीय संविधान समिति – सरदार बल्लभ भाई पटेल
झण्डा समिति – डॉ० राजेंद्र प्रसाद
संघ शक्ति समिति – जवाहर लाल नेहरू
कार्य संचालन समिति – के० एम० मुंशी
सर्वोच्च न्यायालय समिति – एस० वारदाचारियार
राज्य समिति – जवाहर लाल नेहरू
संविधान सभा द्वारा गठित इन सभी समितियों को दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है –
- प्रक्रिया सम्बन्धी समितियाँ
- विषय सम्बन्धी समितियाँ
प्रक्रिया सम्बन्धी समितियाँ
प्रक्रिया सम्बन्धी समितियों के अंतर्गत प्रक्रिया समिति, अधिकार समिति, सभा समिति, परिचालन समिति, हिंदी व उर्दू अनुवाद समिति आदि प्रक्रिया समिति थी।
विषय सम्बन्धी समितियाँ
विषय सम्बन्धी समितियों के अंतर्गत प्रारूप समिति, संघ शक्ति समिति, संघीय संविधान, प्रांतीय संविधान समिति, मूल अधिकार समिति, झण्डा समिति आदि।विषय सम्बन्धी प्रमुख समिति थी।