The Ant and the Grasshopper Story in Hindi
एक बार की बात है, एक खूबसूरत घास के मैदान में, एक चींटी और एक टिड्डा रहते थे। चींटी मेहनती थी और अपने दिन भोजन इकट्ठा करने और सर्दियों के लिए उसे जमा करने में लगाती थी। दूसरी ओर, टिड्डा बेफिक्र था और अपने दिन खेलने और धूप का आनंद लेने में बिताता था।
एक दिन, टिड्डे ने चींटी को बिना थके काम करते देखा और पूछा, “तुम इतनी मेहनत क्यों कर रही हो? यह इतना सुंदर दिन है! इसके बजाय आओ और मेरे साथ खेलो।”
चींटी ने जवाब दिया, “मेरे दोस्त, मैं हर समय नहीं खेल सकती। सर्दी जल्द ही आ रही है, और मुझे इसके लिए तैयारी करने की जरूरत है। मैं स्टोर करने के लिए खाना इकट्ठा कर रही हूं, इसलिए जब ठंड होगी तो मैं भूखी नहीं रहूंगी।”
टिड्डा हंसा और बोला, “सर्दी अभी दूर है! तुम्हारे पास तैयारी के लिए बहुत समय है। इतनी चिंता मत करो और जीवन का आनंद लो!”
टिड्डे की बातों को अनसुना करते हुए चींटी लगातार मेहनत करती रही। जैसे-जैसे दिन बीतते गए, मौसम ठंडा होता गया और जल्द ही टिड्डी ने खुद को भूखा और बिना भोजन के पाया। वह चींटी के पास गया और पूछा, “क्या आप कुछ खाना छोड़ सकते हैं? मेरे पास खाने के लिए कुछ नहीं है, और मैं भूखा मर रहा हूँ।”
चींटी ने उत्तर दिया, “मुझे क्षमा करें, मेरे मित्र, लेकिन मैं कोई भोजन नहीं छोड़ सकती। मैंने आपको चेतावनी दी थी कि सर्दी आ रही है, और आपने नहीं सुना। अब आपको अपने आलस्य के परिणाम भुगतने होंगे।”
टिड्डे को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने कड़ी मेहनत करने और अगली सर्दियों की तैयारी करने का वादा किया। उस दिन से इसने कड़ी मेहनत की और चींटी की तरह भोजन इकट्ठा किया।
इस कहानी से सीख मिलती है कि जीवन में सफलता के लिए कड़ी मेहनत और तैयारी जरूरी है। भविष्य के लिए योजना बनाना महत्वपूर्ण है न कि केवल वर्तमान के लिए जीना।