भारत सरकार अधिनियम 1935

भारत सरकार अधिनियम 1935

  • साइमन कमीशन की रिपोर्ट सर्वदलीय कांफ्रेंस की रिपोर्ट गोलमेज सम्मलेन के प्रस्ताव आदि अधिनियम को ध्यान में रखकर केन्द्रीय सरकार ने 1935 में भारतीय शासन अधिनियम पारित किया।
  • शिक्षा को केन्द्रीय तथा प्रान्तीय दोनों सरकारों के तहत रखा गया।
  • केन्द्रीय सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र में काशी विश्वविद्यालय, अलीगढ़ विश्वविद्यालय, प्रमुख पुस्तकालय, प्राचीन तथा ऐतिहासिक स्मारकों का संरक्षण तथा पुरातत्व को रखा।
  • 1935 ई० में सरकार ने केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड का गठन किया।
  • केन्द्रीय शिक्षा बोर्ड ने भारत की बढ़ती बेरोजगारी तथा शिक्षा सम्बन्धी अन्य मुद्दों के लिए एक समिति का आग्रह किया।
  • 1936 ई० में इंग्लैण्ड से ए० एबट तथा एस एच वुड को भारत आमन्त्रित किया गया।
  • एबट तथा वुड ने जून 1937 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसे एबट वुड रिपोर्ट कहते हैं।

प्राथमिक शिक्षा में एबट, वुड के भारतीय शिक्षा सम्बन्धी सुझाव

  • प्राथमिक शिक्षा 4 वर्ष, माध्यमिक शिक्षा 4 वर्ष, उच्च माध्यमिक की अवधि 4 वर्ष तथा स्नातक शिक्षा की अवधि 3 वर्ष होनी चाहिए।
  • शिशु की कक्षाएं प्रशिक्षित अध्यापकों के द्वारा संचालित की जानी चाहिए।
  • ग्रामीण, मिडिल स्कूलों के पाठ्यक्रम तथा वातावरण में घनिष्ठ सम्बन्ध होना चाहिए।
  • जहाँ तक संभव हो हाईस्कूल स्तर तक की शिक्षा मातृभाषा में दी जानी चाहिए किन्तु हाईस्कूल में अंग्रेजी सभी के लिए एक अनिवार्य भाषा होनी चाहिए।
  • प्राथमिक तथा मिडिल स्कूलों के अध्यापकों को सेवापूर्व 3 वर्ष का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
  • सर्वप्रथम तकनीकि शिक्षा का प्रबन्ध किया जाना चाहिए।

व्यवसायिक शिक्षा के सन्दर्भ में सुझाव 

  • व्यवसायिक शिक्षा को सामान्य शिक्षा के साथ लागू किया जाना चाहिए।
  • व्यवसायिक शिक्षा को 8 वीं कक्षा के बाद अनिवार्य करना चाहिए।
  • व्यवसायिक शिक्षा में उच्च माध्यमिक शिक्षा प्राप्त विद्यालयों में ऐसे छात्रों से शिक्षण कार्य कराया जाए जोकि पूर्व से प्रशिक्षित हो।

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